Friday 19 October 2018

लव कुश कांड

लव कुश कांड- Love Kush Kand

हिंदू धर्म में रामायण काफी प्रचलित है. रामायण के कुल 7 कांड हैं जिनमे भगवान राम के 14 साल के लिए माता कैकयी द्वारा बनवास का हुकुम मिला था. जिसके बाद उनके छोटे भाई लक्ष्मण और सीता माँ उनके साथ बनवास के लिए रवाना हो गए. अपना यह बनवास काल उन्होंने घने जंगलों में कईं कठिन परिस्थियों में व्यतीत किया. इसी बीच दुष्ट राक्षस रावण ने सीता माँ का अपहरण कर लिया. जिन्हें बचाने में हनुमान जी ने राम जी की मदद की. आअज हम आपको सीता माँ के अपहरण के बारे में नहीं बल्कि लव कुश कांड (love kush kand) के बारे में बताने जा रहे हैं.
लव कुश कांड

दरअसल लव कुश रामायण में वर्णित नहीं हैं. लेकिन इनका अध्याय भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना रामायण में राम जी का. सुंदर कांड, बाल कांड, अयोध्या कांड, लंका कांडआदि की तरह ही लव कुश कांड भी बेहद प्रचलित है. तो आईये जानते हैं आखिर लव कुश रामायण में कौन थे और इनका जन्म कब और कहाँ हुआ.
लव कुश कांड- सीता माँ का बाल्मीकि आश्रम रहना
यदि आपको रामयण के विषय में जानकारी है तो आपको भगवान राम और सीता माँ के बारे में बखूबी पता होगा. आपको बता दें कि राम और सीता के दो पुत्र थे जिनका नाम लव और कुश था. तभी से लेकर आज तक luv kush kand को सीता माँ की जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना गया है,भगवान राम के साथ अपने 14 वर्ष के बनवास के बाद जब सीता माँ अयोध्या लौटी तो वह दोनों ख़ुशी ख़ुशी वहीँ रहने लगे. उस समय लोगों की धारणा थी कि यदि कोई महिला एक दिन भी अपने पति से दूर रहती तो उसे घर से हमेशा के लिए निकाल दिया जाता था. ऐसे स्त्रीयों ने सीता माँ का उदाहरन देते हुए उन्हें भी अयोध्या से बाहर निकालने को कहा. श्री राम के कानो में जब यह बात पहुंची तो वह सोच में पड़ गए. जिसके कारण सीता माँ ने स्वयं घर छोड़ने का फैसला कर लिया. वह अयोध्या छोड़ कर बल्मीकि जी के आश्रम में रहने लगी और एक सामान्य स्त्री की तरह अपना जीवन व्यतीत करने लगी.


लव कुश कांड- लव कुश का जन्म
आश्रम रहते रहते ही सीता माँ को अनुभव हुआ कि वह बच्चे को जन्म देने वाली हैं. ऐसे में उनका अयोध्या से कोई संपर्क नहीं था तो उन्होंने अपने बच्चे के पालन पोषण की जिम्मेदारी खुद निभाने की सोची. इसी बीच उन्होंने एक सुंदर बालक को जन्म दिया जिसका नाम लव रखा गया. लोक कथाओं के अनुसार सीता माँ ने एक साथ दो पुत्रों को जन्म दिया लेकिन रामायण में इसका कोई जिक्र नहीं मिलता. लव के जन्म के बाद सीता माँ का पूरा दिन लव के पालन पोषण में बीतने लगा. एक दिन सीता माँ आश्रम से बाहर किसी काम के लिए गई. उन्होंने बाल्मीकि जी को लव की देखभाल करने को कहा. परंतु सीता माँ ने देखा कि बाल्मीकि जी व्यस्त हैं तो वह चुप चाप लव को अपने साथ ले गयी. जब बाल्मीकि जी ने लव को आश्रम में नहीं पाया तो वह चिंतित हो गए. उन्होंने सोचा कि लव को किसी जंगली जानवर ने खा लिया है. ऐसे में वह सीता माँ के लौटने पर उन्हें क्या जवाब देंगे.

लव कुश कांड- कुश का जन्म
बाल्मीकि जी ने लव की गैर-उपस्तिथि में एक घास पर मंत्र तंत्र करके एक नया लव बना दिया. उन्होंने सोचा कि सीता माँ के लौटने पर वह इस लव को सीता माँ के हवाले कर देंगे. लेकिन जब सीता माँ लौटी तो उनके साथ असली लव को देख कर वह द्दंग रह गए और दुसरे पुत्र के जन्म के बारे में सारा सच बता दिया. जिसके बाद से उस पुत्र का नाम कुश रखा गया. तभी से love kush ramayan के कांडो का एक अहम हिस्सा बन गए.

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