Monday 28 January 2019

Gobar Gas


आज के आधुनिक युग में हम भले ही कितने भी अनाज या सब्जियों का उत्पादन क्यूँ ना कर लें लेकिन उसे पकाने के लिए हमारे पास ईंधन होना भी अति आवश्यक है. इसके लिए हमारे देश के किसान जंगल की लकड़ियों पर निर्भर रहते हैं जिसकी आज कल बहुत किल्लत है यां फिर एलपीजी सिलंडरो पर निर्भर रहते हैं जिन्हें अफ्फोर्ड कर पाना हर किसी के बस की बात नहीं होती. इसलिए आज हम आपको गोबर गैस (gobar gas) के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके प्लांट को आप आसानी से घर में तैयार कर सकते हैं और उसे बढिया ईंधन का स्रोत बना सकते हैं. तो चलिए जानते हैं गोबर गैस (gobar gas) अर्थात बायोगैस क्या है और इसका इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है.

गोबर गैस (Gobar Gas) क्या है?

गोबर गैस (gobar gas) का वैज्ञानिक नाम बायोगैस है. यह एक स्वच्छ, प्रदुषण रहित, वातावरण अनुकूल और ज्वलनशील गैस ईंधन है जोकि 55-60 प्रतिशत मीथेन गैस, 35-40 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड एवं वाष्प के रूप में पाई जाती है. गोबर गैस (gobar gas) का इस्तेमाल आम तौर पर भोजन पकाने और रौशनी के लिए किया जाता है. इसके इलावा इससे द्वि ईंधनीय इंजन चलाकर 80 फ़ीसदी पेट्रोल और डीजल की बचत की जा सकती है.

गोबर गैस (Gobar Gas) का उत्पादन

आज के मॉडर्न समय में भले ही ईंधन के कईं साधन हैं लेकिन गोबर गैस (Gobar Gas) इन सभी में से सबसे सस्ता और टिकाऊ ईंधन हैं जिसका शुद्धिकरण करके विभिन्न यांत्रिक कार्यों में इस्तेमाल किया जा सकता है. गोबर गैस का उत्पादन जैविक अपशिष्ट पदार्थों जैसे कि गोबर, पेड़ की पत्तियां, फसलों के तने, मनुष्यों के अपशिष्ट, जलकुम्भी आदि से किया जा सकता है. वहीँ उर्जा की बात करें तो एक घन मीटर गोबर गैस में लगभग 4700 कैलोरी उर्जा पाई जाती है.

क्या मनुष्य के मल से गोबर गैस (Gobar Gas) तैयार हो सजता है?

आप सभी के मन में एक सवाल अवश्य ही उठ रहा होगा कि यदि जानवरों के गोबर से गोबर गैस (Gobar gas) तैयार की जा सकती है तो क्या मनुष्य भी इस क्रिया का हिस्सा बन सकते हैं? तो दोस्तों आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि मनुष्य के मल-मूत्र से भी गोबर गैस अर्थात बायोगैस का निर्माण किया जा सकता है. इससे न केवल हमे उचित ईंधन साधन प्राप्त होगा बल्कि मल से फैलने वाली बिमारियों की भी रोकथाम की जा सकेगी. बता दें कि लगभग एक घन मीटर मनुष्य के मल की गोबर गैस तैयार करने के लिए लगभग 40 मनुष्यों के मल की आवश्यकता होती है.

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